बहुत से ऐसे लोग हैं, जो किसी भी बैंक या अन्य प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोन लेते हैं तथा लोन को इंटरेस्ट के साथ हर महीने EMI के रूप में चुकाते हैं। लोन लेते समय ही यह तय हो जाता है, कि उधारकर्ता कितने समय में उसे चुकता करेगा यानी कि वे कितने महीने में लोन का EMI भरेंगे। लेकिन कई बार लोग EMI नहीं चुका पाते हैं जिससे उन्हें काफी समस्या होती है। यदि आप भी उनमें से हैं जिन इस बात की जानकारी नहीं है तो इसलिए एक को अंत तक पढ़े क्योंकि हम यहां EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है (EMI nahi chukane par kya hota hai) तथा इससे जुड़े तमाम बातों की जानकारी विस्तार से देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं –
EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है
किसी भी बैंक या उधरकर्ता से लोन लेते समय ही यह तय हो जाता है, कि आप कितने महीने या साल के लिए लोन ले रहे हैं और उसी के अनुसार आपको प्रत्येक महीने EMI चुकाना होता है। सरल शब्दों में ऐसा कह सकते है, कि लोन लेते समय आप अपने आप ही बैंक या उधरकर्ता के साथ कानूनी अनुबंध कर लेते हैं। ऐसे में यदि किसी कारणवश आप एक या एक से ज्यादा यह EMI समय पर नहीं चुका सके तो सबसे पहले बैंक या Creditor आपसे संपर्क करेंगे और लोन की EMI समय पर देने की सलाह देंगे अर्थात आपको समय पर बैंक या Creditor को EMI देना होगा।
प्रत्येक महीने बैंक की ओर से आपके रजिस्ट्रेशन मोबाइल नंबर पर एक SMS आएगा, जिसमें लिखा होगा ‘Your EMI is due kindly pay your EMI before your due date’ अर्थात आपने अब तक EMI का भुगतान नहीं किया है, कृपया तय तारीख से पहले इसका भुगतान कर दे। यदि आप इस SMS को अनदेखा कर देते हैं या किसी अन्य समस्या के कारण EMI का भुगतान तय तारीख से पहले नहीं कर पाते हैं, तो बैंक आपसे एक बार फिर संपर्क करेगा और EMI चुकाने के लिए सलाह देगा।
लेकिन उसके बावजूद यदि आप EMI चुकाने में असमर्थ होते हैं, तब बैंक या Creditor आपको Loan defaulter की सूची में शामिल कर देंगे। बता दें, कि एक बार EMI जमा नहीं कर पाने से कोई समस्या नहीं होगी लेकिन यदि आप एक के बाद एक EMI का भुगतान नहीं करते हैं, तो लोन देने वाले Creditor आपको defaulter कहकर रिपोर्ट कर सकते हैं। जिसके बाद आपको लोन का भुगतान करने के लिए कुछ समय दिया जाता है, लेकिन यदि आप तब भी अपना EMI नहीं चुका पाते हैं, तो आपको गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है जिसके बारे में हम नीचे बात करेंगे।
Bank या Creditor कर सकते है कानूनी कार्रवाई
जब कोई व्यक्ति एक के बाद एक EMI चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक या Creditor उन्हें Loan defaulter के रूप में घोषित कर देते हैं या रिपोर्ट कर देते हैं। जिसके बाद किसी भी बैंक या Creditor के पास यह अधिकार प्राप्त हो जाता है कि वह लोन लेने वाले व्यक्ति पर किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई करने में सक्षम है।
कानूनी कार्रवाई किस तरह से करनी है, यह बात निर्भर करता है कि सामने वाला व्यक्ति किस प्रकार लोन लिया है और लोन लेते समय किस तरह की शर्तें और एग्रीमेंट रखी गई थी। कुछ मामलों में लोन लेने वाले व्यक्ति की संपत्ति बेचकर बैंक या Creditor अपने लोन की रकम वसूल कर लेते हैं। लेकिन कुछ Cases ऐसे होते हैं, जिनका मामला बैंक कोर्ट तक ले जाती हैं और कभी-कभी परिस्थिति इतनी गंभीर हो जाती है, कि लोन लेने वाले व्यक्ति को जुर्माना के साथ-साथ जेल की सजा भी हो जाती है।
Credit Score पर पड़ सकता है प्रभाव
EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है, इस सवाल का सबसे सीधा और सरल जवाब है कि समय पर EMI ना चुका पाने के कारण लोन लेने वाले व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर बिगड़ जाता है। दरअसल NBFC और देश के तमाम बैंको को यह निर्देश दिया गया है, कि जब कभी भी किसी भी तरह का लोन आदि का भुगतान यदि लोन लेने वाले लोग नहीं कर पाए तो इस बात की रिपोर्ट equifax और CIBIL जैसे debit bureaus को करनी है।
वैसे लोन लेने के बाद जब लोग समय पर EMI नहीं चुका पाते हैं, तो इसकी जानकारी सबसे पहले बैंक CIBIL और equifax जैसे bureaus में दे देते हैं। जिसके कारण लोन लेने वाले व्यक्ति कि CIBIL score कम कर दी जाती हैं। आपको बता दें कि CIBIL score कम या खराब रहने पर भविष्य में किसी भी तरह का लोन या क्रेडिट मिलने में बहुत मुश्किल आती है। कभी-कभी तो ऐसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है, कि उन्हें loan या क्रेडिट मिल ही नहीं पाता।
Extra Charges लगने पर Loan की रकम हो सकती है Increase
लोन की रकम नहीं चुकाने पर या तय समय सीमा के अंतर्गत EMI का भुगतान नहीं कर पाने से बैंक या Creditor उधारकर्ताओं पर extra charges लगाते हैं। जी हां सही समय पर EMI नहीं चुकाने पर या EMI चुकाने में विफल होने वाले उधारकर्ताओं पर पेनल्टी, कानूनी लागत तथा एक्स्ट्रा फीस आदि जैसे अनसैटल्ड लोन उनके बैलेंस या राशि में जुड़ जाते हैं। जिसे कारण उधारकर्ता जितना लोन लेते हैं उसकी तुलना में दुगनी राशि का भुगतान उन्हें करना पड़ता है।
आसान शब्दों में कहें, तो ज्यादा रकम चुकानी पड़ती है यानी कि यदि कोई व्यक्ति एक लाख का लोन Creditor या bank के जरिए लेता है लेकिन वह समय पर EMI चुकाने में असमर्थ हो जाता है, तो उस पर पेनल्टी और एक्स्ट्रा फीस आदि लगाकर 1 लाख के बजाए दो लाख का भुगतान करना पड़ सकता है।
Loan Guarantors पर प्रभाव पड़ेगा
लोन लेते समय हमेशा किसी भी Guarantor की जरूरत पड़ती है यानी कि लोन लेते समय आपके अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति जो आपके जान पहचान का होता है, उसे Guarantor के तौर पर पेपर्स में हस्ताक्षर करने होते हैं और अपना पहचान आदि जमा कराना होता है।
लेकिन यदि लोन लेने वाला व्यक्ति तय समय सीमा के अंतर्गत EMI नहीं चुका पाता है, तो उनके क्रेडिट स्कोर के साथ-साथ Guarantor की क्रेडिट स्कोर भी खराब होती है। इसके अलावा उन्हें बैंक तथा Creditor की ओर से लगता फोन calls तथा SMS आते रहेंगे ताकि Guarantor के माध्यम से लोन लेने वाले व्यक्ती से संपर्क कर सके।
आर्थिक परेशानी में बढ़ोतरी होगी
यहां आर्थिक परेशानी में बढ़ोतरी का अर्थ है, कि देर से यानी समय पर लोन की EMI का भुगतान नहीं करने के कारण बैंक या Creditor लोन लेने वाले व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई कर देते हैं।
जिसके कारण उन्हें देर से भुगतान करने का शुल्क, दंड और कानूनी लागत आदि का भुगतान करना पड़ जाता है जिससे लोन की राशि के अलावा उनके खर्चे और अधिक बढ़ जाते हैं तथा कानूनी कार्रवाई से लड़ने के लिए वकील और कोर्ट कचहरी में भी काफी खर्चे होने लगते है, जिसके कारण उनकी अर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ता है तथा लोन लेने वाला व्यक्ति और अधिक परेशानी से घिर जाता है।
Loan Defaulter का कानून क्या है ?
Loan defaulter सरकार द्वारा बनाया गया एक बेहतरीन कानून है, जो खासतौर पर बैंक तथा क्रेडिटों के लिए बनाया गया है ताकि वे उन तमाम उधारकर्ता यानी लोन लेने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई बिना किसी संकोच के कर सके और वे तमाम लोग जो EMI चुकाने में असमर्थ है या जिन्होंने लोन चुकता नहीं किया है, उनसे लोन की राशि वसूल कर सकें।
इस कानून के अंतर्गत बैंक तथा Creditor लोन की राशि वसूल करने के लिए उधारकर्ताओं की संपत्ति को कब्जे में करना या उन्हें कोर्ट तक ले जाना आदि की अनुमति देता है। इस कानून के जरिए जो लोग लोन जमा नहीं करते हैं उनसे बकाया राशि वसूल करने के लिए Creditor या बैंक कोई भी कानूनी कदम बिना संकोच के उठा सकते है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस पोस्ट में हमने जाना कि EMI Nahi Chukane Par Kya Hota Hai. जब भी आप कभी लोन ले और उसमे EMI की सुविधा को चुने तो EMI समय पर जरूर भरे क्यूंकि EMI समय पर न चुकाने पर आपका क्रेडिट स्कोर ख़राब हो सकता है और आपको extra charges भी देने पड़ सकते है। उम्मीद करता हूँ जब भी आप लोन लेंगे और EMI नहीं चुका पाएंगे तो यह पोस्ट आपके जरूर काम आएगा। अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो हो तो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में भी शेयर करे।
FAQs
Q. EMI न चुकाने पर क्या होता है ?
Ans. EMI न चुकाने पर आपका क्रेडिट स्कोर ख़राब हो जाता है।
Q. क्या EMI न चुकाने पर क़ानूनी कार्रवाई भी हो सकती है ?
Ans. हाँ, अगर आप EMI समय पर नहीं चुकाते है तो आपकी रिपोर्ट भी दर्ज करवाई जा सकती है।